श्री राजीव गांधी: भारत के युवा प्रधानमंत्री(भारत के छठे प्रधानमंत्री)

श्री राजीव गांधी: भारत के युवा प्रधानमंत्री

श्री राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने। 40 वर्ष की आयु में पद संभालने वाले राजीव गांधी दुनिया के सबसे युवा नेताओं में से एक थे जिन्होंने सरकार का नेतृत्व किया। वे एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से थे—उनकी माता श्रीमती इंदिरा गांधी और उनके नानाजी पंडित जवाहरलाल नेहरू दोनों भारत के प्रधानमंत्री रह चुके थे। हालांकि, राजीव गांधी का प्रारंभिक रुझान राजनीति की ओर नहीं था।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ। उनके पिता फिरोज गांधी एक सांसद थे, और उनकी माता इंदिरा गांधी भारतीय राजनीति में सक्रिय थीं। राजीव गांधी का बचपन नई दिल्ली के तीन मूर्ति हाउस में बीता, जहाँ वे अपने दादा पंडित नेहरू के साथ रहे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के वेल्हम स्कूल और फिर दून स्कूल में हुई।

उच्च शिक्षा के लिए वे इंग्लैंड गए, जहाँ उन्होंने पहले कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज और बाद में इम्पीरियल कॉलेज, लंदन से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालाँकि, वे राजनीति से अधिक विज्ञान और इंजीनियरिंग में रुचि रखते थे। उन्हें संगीत, फोटोग्राफी और हवाई जहाज उड़ाने का शौक था।

पारिवारिक जीवन

कैम्ब्रिज में राजीव गांधी की मुलाकात सोनिया मैनो से हुई, जो इटली की नागरिक थीं और वहाँ अंग्रेज़ी की पढ़ाई कर रही थीं। 1968 में दोनों ने शादी कर ली और दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहने लगे।

राजनीति में प्रवेश

राजीव गांधी मूल रूप से राजनीति में शामिल होने के इच्छुक नहीं थे। वे एक पेशेवर पायलट के रूप में इंडियन एयरलाइंस में कार्यरत थे। लेकिन 1980 में उनके छोटे भाई संजय गांधी की एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई, जिसके बाद उन पर राजनीतिक जिम्मेदारियाँ संभालने का दबाव बढ़ा। उन्होंने अपनी माँ इंदिरा गांधी का सहयोग करने के लिए राजनीति में प्रवेश किया और उत्तर प्रदेश के अमेठी संसदीय क्षेत्र से सांसद बने।

प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल

31 अक्टूबर 1984 को उनकी माँ, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। इस दुखद घटना के बाद, वे कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने देश की एकता बनाए रखने और भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से कार्य किया।

1984 के आम चुनाव में कांग्रेस को ऐतिहासिक जीत मिली, जिसमें 508 में से 401 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, शिक्षा और रक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए। उन्होंने भारत को 21वीं सदी की ओर ले जाने की परिकल्पना की और देश के आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया।

निष्कर्ष

राजीव गांधी एक युवा, ऊर्जावान और आधुनिक सोच वाले नेता थे, जिन्होंने भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने का सपना देखा था। हालाँकि, उनका कार्यकाल कई चुनौतियों से भरा रहा। 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में उनकी दुखद मृत्यु हो गई, लेकिन उनके योगदान को भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण चरण के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।

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