श्री अटल बिहारी वाजपेयी
(25 दिसंबर 1924 – 16 अगस्त 2018)
श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के महानतम नेताओं में से एक थे। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता थे और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहली बार वे 16 मई 1996 को प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनका कार्यकाल केवल 13 दिनों का रहा। इसके बाद 1998 में उन्होंने पुनः प्रधानमंत्री पद संभाला, और 1999 में लगातार दूसरी बार इस पद पर आसीन हुए। वे स्वतंत्र भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूर्ण किया।
राजनीतिक यात्रा एवं योगदान
श्री वाजपेयी ने भारतीय राजनीति में चार दशकों से अधिक समय तक सक्रिय भूमिका निभाई। वे लोकसभा में नौ बार और राज्यसभा में दो बार निर्वाचित हुए, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। वे न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ थे, बल्कि एक ओजस्वी वक्ता, कुशल कूटनीतिज्ञ और संवेदनशील कवि भी थे।
उन्होंने विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में भी देश की सेवा की। विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की पहल हुई।
प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक शिक्षक थे। उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब लक्ष्मीबाई कॉलेज) से स्नातक किया और कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रवादी आंदोलनों में सक्रिय हो गए थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने भाग लिया और इस दौरान वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी जुड़े।
पत्रकारिता और साहित्य में योगदान
राजनीति में सक्रिय होने से पहले, श्री वाजपेयी ने पत्रकारिता के क्षेत्र में भी काम किया। उन्होंने राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। वे एक संवेदनशील कवि भी थे, और उनकी कई कविताएँ आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। उनकी लेखनी में देशभक्ति, सामाजिक चेतना और मानवीय संवेदनाएँ स्पष्ट रूप से झलकती हैं।
प्रधानमंत्री के रूप में प्रमुख उपलब्धियाँ
1. पोखरण परमाणु परीक्षण (1998)
श्री वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने 1998 में सफलतापूर्वक पोखरण में परमाणु परीक्षण किया। इससे भारत विश्व में एक सशक्त परमाणु शक्ति के रूप में उभरा।
2. कारगिल युद्ध (1999)
1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में भारत ने विजय प्राप्त की। श्री वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया और देश की सीमाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया।
3. स्वर्णिम चतुर्भुज योजना
यह महत्वाकांक्षी योजना भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने की एक बड़ी पहल थी, जिससे देश के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिली और आर्थिक विकास को गति मिली।
4. भारत-पाकिस्तान संबंध सुधारने के प्रयास
श्री वाजपेयी ने 1999 में "लाहौर बस यात्रा" के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रयासों की शुरुआत की। हालांकि, बाद में कारगिल युद्ध के कारण यह प्रक्रिया बाधित हुई।
5. आर्थिक सुधार और उदारीकरण
उनके कार्यकाल में भारत में आर्थिक सुधारों को गति मिली और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में बड़ा विकास हुआ, जिससे भारत को वैश्विक पहचान मिली।
सम्मान और पुरस्कार
श्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें प्रमुख हैं:
- पद्म विभूषण (1992) – भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
- सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार (1994) – उनके उत्कृष्ट संसदीय योगदान के लिए।
- भारत रत्न (2015) – भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, जो उन्हें उनके अतुलनीय योगदान के लिए दिया गया।
व्यक्तित्व और विरासत
श्री वाजपेयी अपनी उदारवादी विचारधारा, लोकतांत्रिक मूल्यों और सर्वसमावेशी राजनीति के लिए प्रसिद्ध थे। वे पार्टी की राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में फैसले लेने के लिए जाने जाते थे। वे महिलाओं के सशक्तिकरण, सामाजिक समानता और भारत को एक सशक्त, विकसित राष्ट्र के रूप में देखने के पक्षधर थे।
उनकी कविताएँ और भाषण आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। उनकी राजनीतिक सूझबूझ और कूटनीतिक कौशल ने भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निधन
16 अगस्त 2018 को लंबी बीमारी के बाद श्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया। उनका जाना भारतीय राजनीति के एक स्वर्णिम युग का अंत था, लेकिन उनकी विचारधारा और योगदान सदैव देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
"अटल जी न केवल एक नेता थे, बल्कि एक विचारधारा थे। उनकी कविताएँ, उनका नेतृत्व और उनका जीवन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।"
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