पंडित गणेश कांत झा: एक दिव्य ज्योतिषी और मार्गदर्शक
परिचय
पंडित गणेश कांत झा का जन्म 26 सितंबर 1950 ई. को बिहार के पटना जिले के बैकुंठपुर ग्राम में हुआ था। वे मूल रूप से दरभंगा जिले के तमौड़िया गांव के निवासी थे। इनके पिता पद्मश्री पंडित विष्णु कांत झा एक प्रसिद्ध ज्योतिषी थे, और माता सुभद्रा देवी थीं। इनके पूर्वजों को नवाब सिराजुद्दौला द्वारा ज्योतिष विद्या के सम्मान में एक लाख से अधिक की जमींदारी दान में मिली थी। यही क्षेत्र वर्तमान में बैकुंठपुर गांव के नाम से जाना जाता है।
गांव में स्थित प्राचीन गौरी शंकर मंदिर इसकी ऐतिहासिकता को और अधिक समृद्ध बनाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां भगवान शिव के साथ माता पार्वती भी विराजमान हैं, और शिवलिंग पर 108 छोटे-छोटे शिवलिंग उकेरे गए हैं, जो इसे विशेष धार्मिक स्थल बनाते हैं।
शिक्षा और विद्वत्ता
पंडित गणेश कांत झा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। काशी के विद्वानों ने उन्हें कई बार सम्मानित किया। वे संस्कृत भाषा और ज्योतिष शास्त्र के गहन विद्वान थे। उन्होंने अपने पितामह पंडित उग्रनाथ झा और अपने पिता पद्मश्री पंडित विष्णु कांत झा की विद्वतापूर्ण परंपरा को आगे बढ़ाया और ज्योतिष शास्त्र में महारत हासिल की।
कार्य और योगदान
पंडित गणेश कांत झा ने संस्कृत भाषा, ज्योतिष शास्त्र और भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए अनवरत प्रयास किए। उन्होंने अपनी भविष्यवाणियों और ज्योतिषीय ज्ञान से जनमानस पर अमिट छाप छोड़ी। वे केवल गणनाओं तक सीमित नहीं थे, बल्कि उन्होंने ज्योतिष को एक समग्र विज्ञान के रूप में देखा, जिसमें ब्रह्मांडीय प्रभाव, व्यक्तिगत कर्म, स्वतंत्र इच्छा और आध्यात्मिक विकास का समन्वय होता है।
उनकी कुंडली-विश्लेषण की शैली केवल ग्रहों की स्थितियों को समझने तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे व्यक्ति के कर्म, जीवन-चक्र और आत्मज्ञान के मार्ग को भी समझाते थे। उनके मार्गदर्शन में अनेकों ने अपने जीवन की दिशा बदली।
महान व्यक्तित्वों से संबंध
उनकी विद्वत्ता और सरल स्वभाव के कारण कई प्रसिद्ध व्यक्ति उनके संपर्क में रहे, जिनमें शामिल हैं—
शत्रुघ्न सिन्हा (सिने अभिनेता व राजनेता)
सुशील कुमार मोदी (पूर्व उपमुख्यमंत्री, बिहार)
तारा कांत झा (राजनेता एवं वरीय अधिवक्ता)
अश्विनी कुमार चौबे (केंद्रीय मंत्री)
अरुण कुमार सिन्हा (विधायक)
मीरा कुमार (पूर्व लोकसभा अध्यक्ष)
गिरिराज सिंह (केंद्रीय मंत्री)
निवास कुमार सिन्हा (पूर्व राज्यपाल)
ज्योतिषीय दर्शन और शिक्षण
पंडित झा का ज्योतिषीय दृष्टिकोण केवल भाग्य बताने तक सीमित नहीं था, बल्कि वे इसे आत्म-सशक्तिकरण और आत्म-जागरूकता का माध्यम मानते थे। उन्होंने अनगिनत छात्रों को ज्योतिष की जटिलताओं में प्रशिक्षित किया और सुनिश्चित किया कि यह प्राचीन विद्या अपनी पवित्रता और वैज्ञानिक आधार के साथ आगे बढ़े।
सम्मान और विरासत
पंडित गणेश कांत झा को उनके योगदान के लिए विभिन्न संस्थानों और आध्यात्मिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया। उनके कार्यों ने ज्योतिष के क्षेत्र में समकालीन चर्चाओं को नई दिशा दी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया।
महाप्रयाण
17 दिसंबर 2024 को यह महान आत्मा परलोक सिधार गई, लेकिन उनकी शिक्षाएँ, ज्योतिषीय ज्ञान और उनके योगदान उन्हें सदैव अमर बनाए रखेंगे। वे केवल एक ज्योतिषी नहीं थे, बल्कि आत्म-ज्ञान और ब्रह्मांडीय रहस्यों को समझाने वाले एक दिव्य मार्गदर्शक थे।
निष्कर्ष
पंडित गणेश कांत झा वैदिक ज्योतिष के क्षेत्र में एक प्रकाश स्तंभ की तरह थे। उनकी विद्वत्ता, दार्शनिक दृष्टिकोण और करुणा उन्हें एक असाधारण ज्योतिषी बनाते थे। उन्होंने इस शास्त्र को केवल भविष्यवाणी के उपकरण के रूप में नहीं, बल्कि मानव चेतना को ऊपर उठाने और ब्रह्मांडीय शक्तियों को समझने के साधन के रूप में प्रस्तुत किया।
उनकी स्मृति और शिक्षा आने वाले युगों तक ज्योतिष प्रेमियों और साधकों को मार्गदर्शन प्रदान करती रहेगी।
डॉ. संतोष आनंद मिश्रा
ग्राम – मिश्रौली
पोस्ट – कंसी-सिमरी
जिला – दरभंगा, बिहार
पिन – 847106
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