राजीव कपूर: जीवन, फ़िल्मी करियर और योगदान(25 अगस्त 1962 - 9 फरवरी 2021)
भारतीय सिनेमा में कपूर परिवार का योगदान अतुलनीय है, जिसने पीढ़ी-दर-पीढ़ी सिनेमा को समृद्ध किया है। इसी गौरवशाली परंपरा के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे राजीव कपूर, जिन्हें प्यार से चिम्पू कपूर के नाम से भी जाना जाता था। एक अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के रूप में, उन्होंने हिंदी फिल्म उद्योग में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
राजीव कपूर का जन्म 25 अगस्त 1962 को फिल्म निर्माता-निर्देशक राज कपूर और उनकी पत्नी कृष्णा राज कपूर के घर हुआ था। वह कपूर परिवार की तीसरी पीढ़ी से थे। उनके बड़े भाई रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और बहनें रीमा जैन तथा रितु नंदा भी फिल्म जगत से जुड़े थे। कला और सिनेमा से भरे इस माहौल में उनका रुझान बचपन से ही फिल्मों की ओर था।
फ़िल्मी करियर की शुरुआत
राजीव कपूर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1983 में फ़िल्म 'एक जान हैं हम' से की थी, लेकिन उन्हें खास सफलता नहीं मिली। उन्हें असली पहचान मिली 1985 में अपने पिता राज कपूर की फ़िल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से। इस फ़िल्म में उन्होंने मंदाकिनी के साथ मुख्य भूमिका निभाई। यह फ़िल्म व्यावसायिक रूप से बेहद सफल रही और रातों-रात राजीव कपूर को दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
प्रमुख फिल्में
राजीव कपूर ने अपने करियर में अपेक्षाकृत कम फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ प्रमुख फिल्में हैं:
* राम तेरी गंगा मैली (1985)
* आसमान (1984)
* लवर बॉय (1985)
* ज़बरदस्त (1985)
* हम तो चले परदेस (1988)
'राम तेरी गंगा मैली' की सफलता के बाद भी, उनका अभिनय करियर बहुत लंबा नहीं चला और उन्हें लगातार हिट फिल्में नहीं मिल सकीं।
निर्माता और निर्देशक के रूप में योगदान
अभिनय के अलावा, राजीव कपूर ने निर्देशन और निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखा।
* उन्होंने 1996 में फ़िल्म 'प्रेम ग्रंथ' का निर्देशन किया। इस फ़िल्म में उनके भाई ऋषि कपूर और अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। सामाजिक विषय पर बनी यह फ़िल्म व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हो पाई थी।
* वह पारिवारिक प्रोडक्शन हाउस आर.के. फिल्म्स से जुड़े रहे और इसके संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
व्यक्तिगत जीवन और निधन
राजीव कपूर का विवाह आशा राजधान से हुआ था, लेकिन उनका रिश्ता लंबा नहीं चला और दोनों का तलाक हो गया। उनकी कोई संतान नहीं थी। 9 फरवरी 2021 को हृदयाघात (Heart Attack) के कारण 58 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनके निधन से कपूर परिवार और पूरे हिंदी फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई थी।
विरासत
भले ही राजीव कपूर का अभिनय करियर उनके भाइयों की तरह लंबा और सफल नहीं रहा, लेकिन 'राम तेरी गंगा मैली' जैसी यादगार फ़िल्म ने उन्हें हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया। वह कपूर परिवार की उस महान परंपरा की एक अहम कड़ी थे, जिसने भारतीय सिनेमा को दशकों तक ऊंचाइयां दी हैं। एक अभिनेता, निर्माता और सिनेमा-प्रेमी के रूप में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

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