सरदार वल्लभभाई पटेल : भारत के लौह पुरुष और एकता के शिल्पकार(31 अक्टूबर 1875- 15 दिसंबर 1950) भूमिका भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई महान नेता हुए जिन्होंने अपने त्याग, साहस और दूरदर्शिता से राष्ट्र के निर्माण में योगदान दिया। परंतु यदि किसी एक व्यक्ति ने “विखंडित भारत को एकसूत्र में पिरोने” का कार्य किया, तो वह थे सरदार वल्लभभाई पटेल…
Read moreडॉ. होमी जहांगीर भाभा: भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक और एक दूरदर्शी वैज्ञानिक (30 अक्टूबर, 1909 – 24 जनवरी, 1966) भूमिका डॉ. होमी जहांगीर भाभा (30 अक्टूबर, 1909 – 24 जनवरी, 1966) भारत के इतिहास में एक ऐसा नाम है, जो विज्ञान, दूरदर्शिता और राष्ट्र निर्माण का पर्याय है। उन्हें 'भारतीय परमाणु कार्यक्रम का जनक' कहा जाता है। उन्होंने न …
Read moreस्वामी दयानंद सरस्वती: भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत (12 फरवरी 1824- 30 अक्टूबर 1883) भूमिका भारत के नवजागरण काल में अनेक महापुरुषों ने अपने विचारों, कर्मों और संघर्षों से समाज को नई दिशा दी। उनमें से एक प्रमुख नाम स्वामी दयानंद सरस्वती का है, जिन्होंने अंधविश्वास, मूर्तिपूजा, जातिवाद और कुरीतियों से ग्रस्त समाज में सत्य, वेदज्ञान और राष्ट्रभक्…
Read moreछठ पर्व : प्रकृति, आस्था और पर्यावरण का पावन संगम भारत की सांस्कृतिक परंपराओं में छठ पर्व एक अद्भुत और अद्वितीय पर्व है, जो सूर्योपासना, जल, माटी और मानव के बीच आत्मीय संबंध का प्रतीक है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, सामूहिकता, अनुशासन और पवित्रता का भी प्रेरक उत्सव है। छठ पर्व का परिचय छठ पर्व मुख्यतः बिह…
Read moreकैप्टन लक्ष्मी सहगल: स्वतंत्रता संग्राम की 'रानी झाँसी' (24 अक्टूबर 1914 – 23 जुलाई 2012) चिकित्सक, कमांडर और मानवता की प्रतीक परिचय कैप्टन लक्ष्मी सहगल (24 अक्टूबर 1914 – 23 जुलाई 2012) भारतीय इतिहास की वह निर्भीक और बहुआयामी शख्सियत थीं, जिन्होंने अपनी असाधारण जीवन-यात्रा को मातृभूमि की सेवा और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित कर दिया। वे…
Read moreभैरो सिंह शेखावत: जनसेवा, नेतृत्व और आदर्श राजनीति के प्रतीक(23 अक्टूबर 1923- 15 मई 2010) "राजस्थान का आयरन मैन" और "जनता का नेता " परिचय भैरो सिंह शेखावत (Bhairon Singh Shekhawat) भारतीय राजनीति के उन दुर्लभ व्यक्तित्वों में से थे, जिन्होंने एक साधारण कृषक परिवार से निकलकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पदों में से एक, उपराष्ट्…
Read moreक्रांतिकारी अशफाकुल्ला ख़ाँ: आज़ादी के अमर सिपाही और हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक(22 अक्टूबर 1900 - 19 दिसंबर 1927) भूमिका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास उन असंख्य अमर वीरों के रक्त से लिखा गया है जिन्होंने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए सहर्ष अपने प्राणों की आहुति दे दी। इन्हीं तेजस्वी नक्षत्रों में एक ऐसा नाम है जो केवल क्रांति का पर्याय …
Read moreश्री कृष्ण सिंह ('श्री बाबू'): आधुनिक बिहार के निर्माता और जननायक मुख्यमंत्री (21 अक्टूबर 1887 – 31 जनवरी 1961) परिचय: बिहार की आत्मा में बसा नाम श्री कृष्ण सिंह (21 अक्टूबर 1887 – 31 जनवरी 1961), जिन्हें प्यार से "श्री बाबू" पुकारा जाता था, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक कर्मठ सेनानी और स्वतंत्र बिहार राज्य के प्रथम मुख्यम…
Read moreभारतीय जनसंघ (Bharatiya Jana Sangh): भारतीय राजनीति में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का उद्घोषक परिचय: वैचारिक राजनीति का उदय भारतीय जनसंघ (BJS) भारतीय गणराज्य के इतिहास में एक ऐसा वैचारिक और ऐतिहासिक मील का पत्थर है, जिसने स्वतंत्रता के उपरांत भारतीय राजनीति की दिशा को स्थायी रूप से प्रभावित किया। 21 अक्टूबर 1951 को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित यह दल,…
Read moreसर बेनीगल नरसिंह राव (B. N. Rau): भारतीय संविधान के बौद्धिक शिल्पकार और विश्व-विख्यात विधिवेत्ता(26 फरवरी 1887- 30 नवंबर 1953) परिचय: नींव का पत्थर भारतीय संविधान को अक्सर डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति की देन माना जाता है। हालाँकि, इस विराट और दूरदर्शी दस्तावेज़ की बौद्धिक नींव रखने का श्रेय एक ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व को जाता है, जो पर्द…
Read moreन्यायमूर्ति लीला सेठ: न्याय की राह की पथप्रदर्शक(20 अक्टूबर 1930 – 5 मई 2017) परिचय न्यायमूर्ति लीला सेठ (20 अक्टूबर 1930 – 5 मई 2017) भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में एक ऐसा गौरवशाली नाम हैं, जिन्होंने कई मायनों में "ग्लास सीलिंग" (पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं की उन्नति की अदृश्य बाधा) को तोड़ा। वे भारत में किसी उच्च न्यायालय …
Read moreडॉ. सुब्रमण्यम चंद्रशेखर: भारतीय खगोल विज्ञान के नक्षत्र और गणितीय सौंदर्य के पुजारी (जन्म 19 अक्टूबर 1910- निधन 21 अगस्त 1995 ) परिचय: तारों के भाग्य के निर्णायक सुब्रमण्यम चंद्रशेखर (Subrahmanyan Chandrasekhar) आधुनिक खगोल भौतिकी के क्षितिज पर चमकने वाले एक ऐसे महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा और गणितीय सटीकता से तारों के जीवन…
Read moreगांधीबुरी: मातंगिनी हाजरा — स्वतंत्रता की मशाल थामने वाली वृद्धा वीरांगना(18 अक्टूबर 1869- 29 सितंबर 1982) भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अनगिनत बलिदानों की गाथा है, जिनमें वीरांगना मातंगिनी हाजरा (18 अक्टूबर 1869– 29 सितंबर 1942) का नाम विशेष आदर के साथ लिया जाता है। वह केवल एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि त्याग, साहस और मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम…
Read moreस्वतंत्रता संग्राम के सच्चे प्रहरी: रामकृष्ण खत्री (3 मार्च 1902– 18 अक्टूबर 1996 ) रामकृष्ण खत्री भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन समर्पित क्रांतिकारियों में से एक थे, जिनका नाम देश की आज़ादी के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है, विशेष रूप से 'काकोरी कांड' के संदर्भ में। उन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण देश और समाज की सेवा के लिए समर्पित…
Read moreस्मिता पाटिल : भारतीय सिनेमा की संवेदना और सशक्त नारी की प्रतीक( 17 अक्टूबर 1955 -13 दिसंबर 1986) भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्मिता पाटिल का नाम उस अद्वितीय कलाकार के रूप में दर्ज है, जिसने अपने अभिनय से स्त्री की आत्मा, उसकी पीड़ा, संघर्ष और अस्मिता को जीवंत रूप में चित्रित किया। वे केवल अभिनेत्री नहीं थीं, बल्कि भारतीय समाज के बदलते स्वरूप की…
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