वसंत पंचमी और सम्राट पृथ्वीराज चौहान का शौर्य दिवस |
वसंत पंचमी, जो देवी सरस्वती की पूजा का पावन पर्व है, भारतीय इतिहास में वीरता और बलिदान का प्रतीक भी है। इस दिन को सम्राट पृथ्वीराज चौहान के शौर्य दिवस के रूप में भी याद किया जाता है।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने विदेशी आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी को 16 बार पराजित किया और हर बार उसे जीवनदान दिया। परंतु, जब 1192 ई. में तराइन के दूसरे युद्ध में वे पराजित हुए, तो मोहम्मद गौरी ने उन्हें बंधी बना लिया और अफगानिस्तान ले जाकर अपने भाई, सुल्तान गयासुद्दीन गौरी के सामने पेश किया। गयासुद्दीन ने सम्राट से झुकने की मांग की, लेकिन उन्होंने गर्वपूर्वक इनकार कर दिया। इस पर उनकी आंखें फोड़ दी गईं और उन्हें हेरात के निकट देहक की जेल में बंद कर दिया गया, जहाँ वे दस वर्षों तक कैद रहे।
सम्राट के परम मित्र और राजकवि चंदबरदाई उन्हें खोजते हुए अफगानिस्तान पहुँचे और एक युक्ति रची। उन्होंने गयासुद्दीन गौरी से कहा कि उनकी जेल में एक अंधा कैदी है, जो शब्दभेदी बाण चलाने में अद्वितीय है। सुल्तान ने इस कौशल को देखने की अनुमति दी। जैसे ही परीक्षण आरंभ हुआ, चंदबरदाई ने सम्राट को संकेत देने के लिए प्रसिद्ध पंक्तियाँ कहीं:
"चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण।
ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान॥"
सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने आवाज के आधार पर लक्ष्य साधा और अपने शब्दभेदी बाण से गयासुद्दीन गौरी का वध कर दिया। इसके बाद, चंदबरदाई और पृथ्वीराज ने एक-दूसरे के पेट में कटार घोंपकर आत्मबलिदान कर लिया।
इस घटना के बाद, गयासुद्दीन गौरी की कब्र उसी जेल में बनाई गई, और सम्राट पृथ्वीराज चौहान एवं चंदबरदाई के स्मारक वहीं स्थापित किए गए। कहा जाता है कि आज भी अफगानिस्तान में गौरी की कब्र पर फूल चढ़ाने से पहले उसके स्मारक पर जूते मारे जाते हैं।
यह कथा "पृथ्वीराज रासो" में मिलती है, जो चंदबरदाई द्वारा रचित महाकाव्य है। हालाँकि, इतिहासकारों के बीच इस घटना की ऐतिहासिक सत्यता को लेकर मतभेद हैं। बावजूद इसके, सम्राट पृथ्वीराज चौहान भारतीय वीरता, साहस और स्वाभिमान के प्रतीक हैं।
वीर सम्राट पृथ्वीराज चौहान को शत-शत नमन!
वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
6 Comments
👍
ReplyDeleteSir ,this is amazing we get lot of knowledge from you all blog's
ReplyDeleteThankyou sir for posting lot of knowledge.
Happy Sarswati puja sir
ReplyDeleteGreat composition sir!! 🙏
ReplyDeleteThanks for this fabulous information Sir jo ki hm Genz's se chhupa hua h u really doing great work Sir I really admire ur efforts towards history and culture....keep it up🙏🙏🙏
ReplyDeleteBasant Panchami k subh muhurt m Prithviraj ka Shaurya Diwas ek anupam chata sa pratit ho rha h jaise sun ka shining star
ReplyDeleteThank you